रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई
रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई:- तुलसीदास कृत रामायण में जिस तरह से जीवन जीने की कलाओं के बारे में बताया गया है। ठीक उसी प्रकार कुछ ऐसी चौपाइयां भी बताई गई हैं जिनके उच्चारण मात्र से मनचाही मुराद पूरी हो सकती है।
हालांकि इन्हें पढ़ने से पहले इनकी सिद्धी जरूरी है। आइए जानते हैं कि ये कौन सी चौपाइयां हैं और कैसे इनकी सिद्धी हो सकती है?
रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई अर्थ सहित
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रामायण की पहली चौपाई कौन सी है?
रामचरितमानस प्रथम सोपान (बालकाण्ड) : मंगलाचरण वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मङ्गलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ।। 1।।
रामचरितमानस की चौपाई क्या है?
राजीव नयन धरे धनु सायक। भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक।। कमल के समान नेत्रों वाले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अपने प्रिय भक्तों की सभी प्रकार की विपत्तियों का भंजन अर्थात नाश करके उन्हें सुख प्रदान करने के लिए ही सदैव हाथ में धनुष सायक अर्थात् बाण धारण किए रहते हैं।
मंगल भवन अमंगल हारी पूरी चौपाई क्या है?
जो मंगल करने वाले और अमंगल हो दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है वो मुझपर अपनी कृपा करे। होइहि सोइ जो राम रचि राखा।