सैंथवार-मल्ल क्षत्रिय राजपूत

सैंथवार-मल्ल क्षत्रिय राजपूत

सैंथवार (या सैंथवार-मल्ल विशेन ) जाति क्षत्रिय राजपूत कुलों/वंशो का एक समूह हैं जो भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी जनपदों कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज, मऊ, बस्ती, देवरिया व पूर्वी उत्तरप्रदेश से लगे जिलों में पाया जाता है। [1]

सैंथवार शब्द मूलतः ‘संथगार’ से बना हैं, जो एक प्राचीन क्षत्रिय संघ था। ये लोग मूलत: खेतिहर जमींदार वर्ग से संबंधित है। यह सिंह, मल्ल, राय, राव आदि पदनाम का प्रयोग करते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्हें बाबू साहेब [] के नाम से जाना जाता हैं। इसी संघ की प्राचीन वंश मल्ल था जो प्राचीन भारत के महाजनपदों में से एक मल्ल महाजनपद था। इस वंश की निवासस्थली कुशीनारा व पावा थी, जो वर्तमान में कुशीनगर व पडरौना के नाम से जाना जाता है।

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बौद्ध धर्म के प्रवर्तक भगवान बुद्ध का परिनिर्वाण स्थान भी कुशीनगर में स्थित है, जिसे प्राचीन काल में कुशीनारा नाम से संबोधित किया जाता था। यहां पर मल्लों का शासन था।

सैंथवार संघ में सम्म्लित वंशो के नाम:-

  • दास (गौर राजपूत)
  • खुटहनि
  • उज्जैनी
  • बरवार
  • वच्छेल
  • बरहजपारी सैंथवार
  • मल्ल बिशेन
  • दुर्गवंशी
  • पलवार/परिहार
  • नागवंश पाल/राजपाली
  • दिक्षित
  • गहरवार
  • बघेल
  • चौहान
  • हयोवंशी
  • निकुम्भ
  • वैस
  • रैकवार
  • कछवाहा
  • पवाँर/परमार
  • राजकुमार
  • गहलौद
  • बरवार
  • कलहंस

Note:- कृपया ध्यान दे आपको मै बता दू की इसमें और भी बहुत बहुत सारे सम्म्लित वंशो है ||

सैंथवार-मल्ल क्षत्रिय-राजपूत

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JAI RAJPUTANA  JAI MAA BHAWANI

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